इस प्रकार प्रत्येक शनिवार और अमावस्या के दिन घर का कूड़ा-कचरा, रद्दी सामान बाहर फेंकना चाहिए, फर्श की धुलाई (लिपाई-पुताई) करना, सायं पूरे घर को प्रकाशित करना तथा समस्त वस्तुओं को झाड़-पोंछकर यथाक्रम रखना यही अडार तंत्र है।
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इस प्रकार प्रत्येक शनिवार और अमावस्या के दिन घर का कूड़ा-कचरा, रद्दी सामान बाहर फेंकना चाहिए, फर्श की धुलाई (लिपाई-पुताई) करना, सायं पूरे घर को प्रकाशित करना तथा समस्त वस्तुओं को झाड़-पोंछकर यथाक्रम रखना यही अडार तंत्र है।
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वस्तुओं का सुंदर-सुसज्जित ढंग से यथाक्रम रखना, साथियों को उपयुक्त कामों में क्रमबद्घ रुप से लगाए रहना, साधनों को सँभालना और उन्हें उचित समय पर उचित कार्य में, उचित मात्रा में प्रयुक्त करना, उपार्जन और व्यय का संतुलन बिठाए रहना जैसे कौशल व्यवस्था बुद्घि के अंतर्गत ही आते है ।